Makkhilal Ki Mahima

255


Back Cover

दूर एक गाँव था मक्खीपुर,

मक्खीयों को जहां मानते भगवान।

मक्खीलाल की पूजाकर,

सब मांगते सेहत का वरदान।

क्या होता है जब मक्खीलाल बन जाता है मक्खीपुर गाँव का भगवान? दुष्ट परिणाम, जैसेकि आप कल्पना कर ही सकते हैं। पर एक निडर आवाज़ गाँव को बचाने की कोशिश मे ंउठतीहै।क्या वह बचा पाएगी मक्खीपुर का ेमक्खीलाल के प्रकोप से? जानिए इस मज़ेदार कविता में।

Also available in English as The Tale Of Makkhilal

Author: Geeta Dharmarajan

Illustrator : Charbak Dipta

ISBN: 978-93-88284-80-6

255